पुरुषार्थ, प्रतिभा और विनम्रता का पर्याय - डॉ राहुल गोंडलीया

 

बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे डॉ राहुल गोंडलीया ने होम्योपैथी जैसी हाई-प्रोफाइल मेडिकल फील्ड में सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से टॉप का ज्ञान हासिल किया और 2007 से लगातार गुजरात और पूरे भारत के मरीजों की सेवा कर रहे हैं।  

डॉ राहुल ने करीब बीस साल पहले सौराष्ट्र के राजकोट के पास एक छोटे से गांव में किराए के मेडिकल क्लिनीक से छोटे लेवल पर अपनी करियर की शुरुआत की थी। आज दो दशक की मेहनत के बाद वो गुजरात में सबसे बड़ी होम्योपैथी ब्रांड बनाकर टॉप पर हैं। उनकी होम्योपैथी दवाइयों के साथ कॉस्मेटिक ब्रांड भी दुनिया भर में फेमस है।  

शुरुआत से ही होम्योपैथी में अपनी स्किल्स की वजह से सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के बड़े-बड़े लोग उनकी अपॉइंटमेंट के लिए लाइन में खड़े रहते हैं। शुरुआती दिनों में गुजरात की टॉप हॉस्पिटल्स में बड़े पोस्ट पर काम करने के बाद, अब वो अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस से मरीजों की सेवा कर रहे हैं। आज उनकी गिनती हिंदुस्तान के टॉप होम्योपैथ्स में होती है।  

इतना ही नहीं, कम उमर में सक्सेस की बुलंदियों को छूने वाले डॉ राहुल मेडिकल प्रैक्टिस के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बनकर ब्राइट स्टूडेंट्स को पढ़ाने में भी आनंद और सैटिस्फैक्शन फील करते हैं। ये उनकी नॉलेज के प्रति पैशन का लिविंग प्रूफ है। अब तक कई सीनियर डॉक्टर्स, फेमस सामाजिक और पॉलिटिकल लोग, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया ने उनकी सर्विस और डेडिकेशन की तारीफ में ढेर सारे अवॉर्ड्स और आशीर्वाद दिए हैं।  

अपने क्लिनिक को मंदिर, हर मरीज को भगवान और उनकी सेवा को पूजा मानने वाले डॉ राहुल को मरीजों का लगातार सपोर्ट और सैटिस्फैक्शन मिला है। उनकी सर्विस जर्नी अभी भी फुल ऑन चालू है। उनकी सर्विस से इम्प्रेस लोग उन्हें लंबे वक्त तक ऐसे ही काम करते रहने के लिए आशीर्वाद और शुभकामनाएं देते हैं।  

आज हिंदुस्तान और विदेश के कई बड़े लोग डॉ राहुल के टैलेंटेड पर्सनैलिटी से इम्प्रेस होकर उनकी ट्रीटमेंट लेने में प्राउड फील करते हैं। फिर भी, डॉ राहुल ने कभी पैसे को प्रायोरिटी नहीं दी और अमीर-गरीब हर क्लास के लोगों को इक्वल ट्रीटमेंट देकर सर्विस को अपनी फर्स्ट ड्यूटी माना है। यही क्वालिटी उनकी ग्रेट पर्सनैलिटी को हाईलाइट करती है।  

डॉ राहुल गोंडलीया होम्योपैथी फील्ड में कम उमर में एक टैलेंटेड फेस बनकर उभरे हैं। गुजरात के छोटे से शहर राजकोट के एक यंग डॉक्टर ने बड़ा काम कर दिखाया है। कोविड लॉकडाउन, स्वाइन फ्लू जैसे खतरनाक महामारियों में उनकी सर्विस ने देशसेवा का अनोखा एग्जाम्पल सेट किया है। हिंदुस्तान जैसे डेवलपिंग कंट्री में ऑनलाइन मेडिकल सर्विस में नया डायमेंशन जोड़ने वाले डॉ राहुल ने टॉप-लेवल होम्योपैथ के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी मेहनत प्रोग्रेसिव यंग इंडिया का शाइनिंग रिफ्लेक्शन है। टैलेंट के साथ विनम्रता और सादगी का कॉम्बो उनकी इंट्रोडक्शन के लिए काफी है।  

कोविड महामारी में कई बड़ी इंस्टिट्यूशन्स ने उनके टैलेंट को सम्मानित किया। कोविड सर्विस अवॉर्ड उनके लाइफ का ब्राइट चैप्टर है। कोरोना क्राइसिस में अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों को हेल्दी रखने वाले कोरोना वॉरियर के तौर पर, कॉम्प्लिकेटेड बीमारियों और क्रॉनिक केसेज में बेस्ट सर्विस देकर उन्होंने नेशनल सर्विस की मशाल जलाए रखी है।  

डॉ राहुल गोंडलीया ने एक मिडिल-क्लास फैमिली से होने के बावजूद, बिना किसी फाइनेंशियल, सोशल या फैमिली बैकग्राउंड के सपोर्ट के, अपनी काबिलियत से देश और दुनिया में नाम कमाया। खास तौर पर कॉम्प्लिकेटेड क्रॉनिक केसेज सॉल्व करने में उनकी स्पेशल इंटरेस्ट है, जहां जेन्युइन होम्योपैथी से बेस्ट रिजल्ट्स मिलते हैं। दूर-दूर के शहरों से आने वाले केसेज का क्विक सॉल्यूशन लाना उनकी वर्किंग स्टाइल का कोर पार्ट है।  

उनकी ग्रेट सर्विस जर्नी अनलिमिटेड चलती रहे और हमारे देश के ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी सर्विस का फायदा लेते रहें, यही भगवान से प्रार्थना...!